Tuesday, 15 October 2013

आचार्य चाणक्य जी ने बताया कौन किसके द्वारा किये गये कर्मो का फल भोगता.

1-  राष्ट्र में किए पापों कों राजा तथा राजा के पापों कों पुरोहित भोगता है ,और स्त्री के द्धारा किए हुए पापों कों पति तथा शिष्य के द्धारा किए हुए पापों कों गुरु भोगता है |

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